इस ब्लॉग का पहला लेख विघ्नहर्ता श्री गणपति जी को समर्पित!!
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
Vakratunda Mahakaya Surya Koti Samaprabha; Nirvighnam Kurumeydeva Sarva Karyeshu Sarvada
प्रार्थना है की विश्व में शांति हो.. सद्भाव हो.. नित्य प्रेम बढे.. ज्ञान बढे.. यह ब्लॉग इसमें सहायक हो!